भला किसी का कर न सको तो Leave a Comment / काव्य / Akelanand / 27/11/2020 / जीवन की सच्चाई, बुरा किसी का मत करना, भला किसी का करना बुरा किसी का कर न सको तो, भला किसी का मत करना। कांटे बनकर चुभ न सको तो, बनकर फूल तू मत रहना।। बन न सको हैवान अगर तुम, कम से कम शैतान बनो। नही कभी भगवान बनो तुम, न ही कभी इंसान बनो। पापकर्म अपना न सको तो, पुण्य के पथ पर मत चलना।। कांटे बनकर चुभ न सको तो, बनकर फूल तू मत रहना।। इसे भी पढ़े – तूने मुझे बुलाया मेरी वाली ए … भला किसी का कर न सको तो Read More »
तन्हा दिल Leave a Comment / काव्य / Akelanand / 27/11/2020 कभी जो दिल मे रहते थे हमदर्द बनकर मेरे, जुदाई उनकी मुझको एक नई सौगात दे गई। कुछ साथ रहकर भी गैरो का साथ देते रहे, वो जिंदगी भर साथ देने के लिये, मेरा साथ छोड़ गई…… सुलझी हुई थी जुल्फे, आंखों में खुशनमी थी, जाने थी क्या बला वो, शायद ही कुछ कमी थी। चाहेगी वो उसे ही, या चाहता है वो भी उसको। उन दोनो को ही नही, सबको गलतफहमी थी।। इसे भी पढ़े -ऐ तिरंगे आज बहुत नाज़ तो होगा तुझे तन्हा दिल Read More »
प्रेम और प्रेत एक जैसे होते हैं… Leave a Comment / काव्य / Akelanand / 31/10/2020 प्रेम और प्रेत एक जैसे होते हैं… Read More »