June 2023

करना है तो कर वरना टाइम पास मत कर

करना है तो कर वरना टाइम पास मत कर

करना है तो कर, वरना टाइम पास मत कर

तेरे जैसे आये कितने छत्तीस मेरे लाइफ में,

उन सबमे में थे सारे गुण, जैसे एक तवाइफ़ में l  

साथ घूमना शापिंग करना हर लड़की का पेशा है,

केवल तुमसे प्यार करे, देखा न कोई ऐसा है l

कहता हूँ मैं बात ये सच्ची, दम हो तो बर्दाश्त कर

करना है तो कर, वरना टाइम पास मत कर ll

दिन का चैन, नीद रात की,  हम सब लड़के खोते है,

तब जाकर कही जरा सा बैंक बैलेंस जोड़ते है l

तुम सब केवल हुश्न दिखाकर, सारा मॉल उड़ाती हो,

मन में होता कपट तुम्हारे, झूठा प्यार दिखाती हो l

खुद के पैसो पर ऐश करो, ऐसी अपनी औकात कर

करना है तो कर, वरना टाइम पास मत कर ll

 

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तू तो कहता था तुझे प्यार नहीं है

तू तो कहता था तुझे प्यार नहीं है,

तो अपने आप को  जलाता क्यों है l

तू तो कहता था तुझे दर्द भी नही होता,

तो अपने आँखों से बताता क्यों है ll

माना की उसकी जुदाई से तुझे गम नहीं,

फिर यूँ ही अपने दिल को रुलाता क्यों है l

एक एक करके दूर हुए तुझसे अपने,

फिर भी उनसे अपनापन जताता क्यों है ll

नहीं लिखा प्यार अगर तेरी जिन्दगी में,

फिर भी अपनी किस्मत आजमाता क्यों है l

तू तो पहले भी अकेला था ऐ अकेलानंद,

फिर गैरो से महफ़िल सजाता क्यों है ll

मिटा दे हर किसी की याद अपने दिल से,

याद कर उन्हें झूठा ही मुस्कराता क्यों है ll

तू तो कहता था तुझे प्यार नहीं है,

तो अपने आप को जलाता क्यों है ll

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एहसास आंसुओ के सैलाब का

तुम्हारी पलको के भीगने के एहसास मात्र से ही जिसका दिल रो पड़ता हो, वही तुम्हारी आँखों में आंसुओ के सैलाब से भी न पिघले, तो समझ लेना वजह बहुत ही बड़ी है l 

 “तेरी यादों में सदा खोये रहते है ,

अब तो बिना सपनों के सोये रहते है l 

तूने कभी इन आँखों की गहराई  न देखी ,

ये बिना आंसुओ के भी रोये रहते है “ll 

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जो कभी हर मुस्कान पर मरते थे

कभी जो मरते थे हर मुस्कान पर मेरी,

वो मेरी हंसी पर पहरा लगाने लगे है l

सुलाते थे जो मुझको पलकों पर अपनी,

आज रात – दिन वो जगाने लगे है ll

तरसता हूँ  मिलने को कहते थे हर पल,

अब एक पल में भगाने लगे है l

पहले तो देते है जख्म जी भरके ,

फिर बेवजह मरहम लगाने लगे है l

शिकायत करू क्या खुदा से भी अब मै,

ऐसे क्यों इंसान बनाने लगे है l

सदा टूट जाता है जब दिल तुम्हारा ,

फिर भी क्यों किस्मत आजमाने लगे है ll

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फासला – रूठने और मनाने के बीच का

हम सभी लोगो के बीच रूठने और मनाने का सिलसिला चलता रहता है चाहे वो रिश्ता हमारे खून का हो, दोस्ती का हो या फिर किसी अजनबी से रिश्ते का l कभी कभी तो लोग इसलिए रुठते है ताकि वो दुसरे पर अपने अधिकार को जता सके l 

रूठने से एक तरफ जहाँ प्यार का,  रिश्ते का, अपनेपन  के एहसास का पता चलता है वही कभी- कभी ये दूरी का भी कारण बन जाता है I कहते है रूठे रब को मनाना आसान है पर रूठे यार को मनाना मुश्किल I परन्तु रूठना उसी के लिए उपयुक्त होता है जिसका कोई मनाने वाला हो l बेवजह ही रूठकर अपने आप को व्यंग्य का स्रोत नही बनाना चाहिए l

अब आता है मनाने वाले की भूमिका –     रूठने वाले से ज्यादा मनाने वाला समझदार होना चाहिए l अगर आपका कोई दोस्त रूठ कर चला जाता है लेकिन आपको उसे मनाने का मार्ग नहीं पता है तो  आप उसे खो भी सकते है l और रूठने और मनाने के बीच का फासला अत्यंत ही गम्भीर हो जाता है , कभी –कभी तो हम सोचते है की अगर सामने वाला रूठकर गया है तो स्वयं ही वापस भी आ जायेगा l और  हम उसे मनाने के लिए बिलम्ब कर देते है l मैं आपको यह सलाह अवश्य देना चाहूँगा की अगर आपका कोई अपना रूठकर गया है तो अविलम्ब उसे मनाकर वापस ले आये l  क्योकि इंसान जब किसी कारण से रूठकर जाता है तो उसके मस्तिष्क में विचारों का एक द्वन्द चल रहा होता है l अगर उन विचारों पर अंकुश न लगाया जाये तो यह एक भयानक रूप भी ले लेती है l ऐसी स्थिति में कभी – कभी वो दूसरो की  सलाह भी लेने लगता है और शायद आपको ये पता होना चाहिए ऐसी स्थिति में सलाह देने वाला कभी आपका भला नही सोचेगा l और फिर ये आपसे दूर जाने का एक कारण भी बन सकता है l

रूठने का कारण – रूठने और मनाने की प्रक्रिया तो आजीवन चलती रहती है l अब यंहा विचार करने वाली ये बात है की रूठने का कारण क्या है l क्या वो कारण एक साधारण सी बात हो जिसके ऊपर ध्यान देने या न देने से कोई फर्क नहीं पड़ता, तो यकीन मानिये रूठने वाला ज्यादा देर तक आपसे दूर नहीं रह सकता l

लेकिन अगर कारण बड़ा है, जिसके वजह से आपकी जिन्दगी पर प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ रहा है तो उस स्थिति में आपको अपने दोस्त की बात मानने में कोई त्रुटी नहीं है  l क्यों की इस कारण से रूठने वाला आपका दोस्त सम्भवतः आसानी से आपकी जिन्दगी में वापिस नहीं आयेगा l और अगर मान ले की वह आपके प्यार की वजह से वापस आ भी जाता है , तब तक बहुत देर हो चुकी होती है l और जो अनहोनी या यूँ कहे की जिसे होने की सम्भावना की वजह से वो आपसे रूठकर गया था , तब तक वो घट चुकी होती है l और अब ऐसी स्थिति में उसके होने या न होने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता l वह तो मात्र एक औपचारिकता ही होगी l

सच्चे  लोग आपकी जिन्दगी में बड़ी किस्मत से मिलते है , जो आपकी भलाई के लिए अपने आपको त्याग देते है l

इसलिए अगर आपका कोई दोस्त, नजदीकी, आपका चाहने वाला आपसे रूठकर जाता है तो समय रहते उसे मना लीजिये l क्योकि ये फासला जितना अधिक होगा, उसके वापस आने की उम्मीद उतनी कम होती जाएगी l

” रूठे यार मनाइये  , मत करिएगा विलंब l

बिन यार तुम्हारी जिन्दगी, खड़ा रहा स्तम्भ ll “

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