कविता
- पत्नी है जान मेरी
- शूद्र की चेतना एवं सच्चा हिन्दू कौन ?
- कौन हूँ मैं
- दादा जी दादा जी मुझको फिर से गले लगाओ न
- हँसो हमेशा जिन्दगी में
- तेरा मुझसे दूर जाने का गम नहीं
- जब तेरी याद न आई हो
- हसरत उसे पाने की पूरी न हो सकी
- इन्तहा इंतजार की खत्म होती नही
- बात बात पर मुझसे ब्रेक अप करती है
- तू तडपेगी जरूर मगर धीरे धीरे
- चले जाओ न तुम दोबारा लौटकर
- बंद करो बेटी पर अत्याचार
- तिरंगा हमारी शान
- पत्नी का आतंक (पति -पत्नी हास्य कविता )
- माँ बनी भिखारिन
- मुझे वोट देने का क्या लोगे तुम
- मुझको मेरे गाँव की होली याद बहुत आती है
- जीना जब आसन लगे एक बार मोहब्बत कर लेना
- मेरे साथी मेरी जान
- एकतरफा प्यार
- वो जिन्दगी में आते ही क्यों है
- करना है तो करना वरना टाइम पास मत कर
- तू तो कहता था तुझे प्यार नहीं है
- एहसास आंसुओ के सैलाब का
- जो कभी हर मुस्कान पर मरते थे
- ऐ मुसाफिर आज तू फिर से अकेला हो गया
- देखते देखते अश्क बहने लगे
- आज की रात सिर्फ और मुझे जीना है
- वो लम्हा अब भी मुझे याद आता है
- पति-पत्नी नोंक झोंक कविता
- पिता ही परम पिता
- तूने मुझे बुलाया मेरी वालिये