वो जिन्दगी में आते ही क्यों है,
यूँ देखकर मुस्कराते क्यों है l
जुदाई का दर्द सहा नहीं जाता ,
यूँ अकेला छोड़कर जाते क्यों है II
पहले तो जी भर कर हंसाते है हमको ,
फिर टूटे दिल तक रुलाते क्यों है I
हर पल खुशियों से भर देते है झोली,
फिर नाराजगी से सताते क्यों है II
जिसके बिना कोई रौनक नहीं थी ,
उसको ही महफ़िल से भगाते क्यों है I
जब दुश्मन के जैसी करनी थी हरकत,
तो पहले अपनापन जताते क्यों है ll
जिन्दगी तो अकेले ही कटनी थी अकेलानंद,
फिर किसी को अपना बनाते क्यों है l
प्यार ही सब कुछ होता था यारो,
ऐसी अफवाह फैलाते क्यों है II
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