चेहरा – ( दाग चहरे पर नहीं दिल में है) 
(पात्र – सिद्धांत- २५ साल, मुस्कान- २२ साल, बिक्रांत- २५ साल, सार्थक- ३५ साल )
दृश्य- १
एक लड़का और लड़की स्कूटी से जा रहे है, दोनों बहुत खुश लग रहे है आपस में बाते करते हुए हंस रहे है I
इतने में सामने से एक लड़का इशारा करता है, लड़की पलट कर देखती है जो उसका कोई पुराना दोस्त होता है I
लड़की स्कूटी चला रहे लड़के से बोलती है I
लड़की- अरे सिद्धांत उधर देखो मेरा पुराना दोस्त है, स्कूटी घुमाओ जल्दी I
और इसी हडबडाहट में स्कूटी टकरा जाती है , लडकी तो बच जाती है पर लड़के के मुंह पर चोट लग जाती है I
बगल से एक और युवक जा रहा होता है थोड़े से फटेहाल में है , एक्सीडेंट देखकर रुक जाता है I
युवक – अरे जल्दी से इन्हें हास्पिटल ले चलो , खून ज्यादा बह रहा है I
फिर सभी उसे हॉस्पिटल लेकर चले जाते है I
दृश्य - २
सिद्धांत, जिस लडके को चोट लगी थी बिस्तर पर लेटा हुआ है उसके चेहरे पर ज्यादा चोट लगने के कारण चेहरे पर दाग आ गया है I
इतने में लड़की उसी पुराने दोस्त के साथ उससे मिलने आती है उसके चेहरे पर दाग देखकर थोडा चौंकती है लेकिन खुद को सम्भाल लेती है
मुस्कान – ये दाग अभी तक …… डाक्टर ने क्या बोला … ये ठीक तो हो जायेगा न ?
सिद्धांत – शायद नहीं होगा , डाक्टर साहब कह रहे थे की दाग ऐसा ही रहेगा अगर ठीक करना है तो प्लास्टिक सर्जरी करवानी पड़ेगी I और तुम तो जानती ही हो की इतनी महंगी सर्जरी मैं करा नहीं सकता I
मुस्कान – मन ही मन तेरी औकात ही इतनी कहाँ I
सिद्धांत – तुम कुछ कह रही हो शायद I
मुस्कान – (हडबडाते हुए) नहीं कुछ नहीं I तुम जल्दी ठीक हो जाओगे I
बिक्रांत (लड़की का दूसरा दोस्त) – अब चलते है हमें देर हो रही हैI तुम्हारे दुकान का कागज भी सही करवाना है I
सिद्धांत –क्या बात बात है मुस्कान, कुछ दिक्कत है क्या ?
मुस्कान- नहीं कुछ नहीं तुम आराम करो I बिक्रांत है न ! सब संभाल लेगा I
मुस्कान , बिक्रांत का हाथ पकड़कर वंहा से चली जाती है I
सिद्धांत उसे जाते हुए देखता है , फिर बगल में रखी किताब पढने लगता है I
दृश्य - ३
सिद्धांत कुर्सी पर बैठकर किताब पढ़ रहा होता है इतने में फोन की घंटी बजती है I
सिद्धांत- हैलो (उधर से एक लड़की की आवाज आती है )- अरे मुस्कान तुम …. कैसी हो I
मुस्कान और उसका दोस्त बिक्रांत दोनों बाइक पर होते है I
मुस्कान- सिद्धांत मैं कुछ कहना चाहती थी, वो मै ……मै …… तुम्हारे साथ ..
सिद्धांत- बोलो क्या बात है , रुक क्यों गयी ?
(उधर बिक्रांत बोलता है उससे पूछ उसका चेहरा कैसा है अब)
मुस्कान- तुम्हारा फेश कैसा है अब, दाग सही तो नहीं हुए होंगे ?
सिद्धांत- नहीं, मैंने तो बताया तो था की सर्जरी से सही हो जायेगा I
मुस्कान- हां मालुम है और वो कभी नहीं होगा, तो मै……. मैं नहीं चाहती की कल को अगर मैं तुम्हे किसी से मिलवाऊ तो लोग पता नही क्या कहेंगे
सिद्धांत- क्या – क्या? मैं समझा नहीं ?
बिक्रांत ,( मुस्कान के हाथ से मोबाइल छीन लेता है)- सुन भाई अब मुस्कान तेरे साथ नहीं रह सकती , कुछ दिनों बाद हम शादी कर रहे है I अब तू उसे हमेशा के लिए भूल जाना I और फ़ोन काट देता है I
सिद्धांत थोडा मायूस हो जाता है लेकिन फिर किताब पढने लगता है I
दृश्य- ४
दफ्तर का दृश्य है I एक क्लर्क बाहर बैठा कुछ काम कर रहा है I
इतने में बिक्रांत और मुस्कान उस आफिस के सामने आते है I उनके हाथ में कुछ पेपर है I दोनों बहुत परेशान लग रहे है I
मुस्कान- हमें साहब से मिलना है बहुत अर्जेंट है I
क्लर्क – आपके पास साहब का अपॉइंटमेंट है क्या ?
बिक्रांत- नहीं हमारे पास नहीं है I
क्लर्क – तो फिर साहब नहीं मिल सकते I एक काम करो अपना पेपर छोड़ जाओ और नाम और नम्बर भी, मैं आपको एक दो दिन में बुला लुंगा I
मुस्कान- नहीं हमें बहुत जरूरी है , अगर साहब ने हस्ताक्षर नहीं किये तो हम सड़क पर आ जायेंगे I हमारा दुकान नीलाम हो जायेगा I
दोनों हाथ जोड़कर गिडगिडाने लगते है I
क्लर्क – अच्छा रुको मैं देखता हूँ I
(अन्दर बैठा व्यक्ति इनकी बाते सुन लेता है और आवाज देता है , सार्थक उन दोनों को अन्दर ले आओ I
दोनों अंदर जाते है और चौक जाते है I सामने कुर्सी पर सिद्धांत बैठा होता है I
मुस्कान- तुम और यंहा , इस कुर्सी पर …
सार्थक (क्लर्क ) – मैडम तुम नहीं आप कहो , यही है यहाँ के नए आफिसर I
सिद्धांत- जी हाँ मैं, तुम्हे तो पता ही होगा की मैं UPSC की तयारी कर रहा था I पहले तो मेरे पास समय बहुत कम होता था पढने के लिए , लेकिन जब तुम मुझे छोड़कर चली गयी तो मैं पूरी तरह से फ्री हो गया I मैंने पूरा समय पढाई में लगाया और आज इस ओहदे पर पंहुचा गया I
मुस्कान- सॉरी सिद्धांत… मुझे माफ़ कर दो I मैंने तुम्हारे साथ गलत व्यव्हार किया I
और दूसरी तरफ मुस्कराते हुए क्लर्क को देखकर , तुम तो वही हो न जो उस दिन एक्सीडेंट में हमारी मदद किया था I
सार्थक – हाँ मैं वही हूँ, एक दिन किसी काम से साहब हमारे गावं में आये थे ,मैं बेरोजगार था, साहब ने मेरा हालचाल पूछा और यहाँ नौकरी दे दिया I
बिक्रांत – परन्तु आपके चेहरे पर दाग था न ?
सिद्धांत- मैंने सर्जरी करवा लिए, सोचा एक तो चली गयी कही ऐसा न हो की दूसरी मिले ही न और हंसने लगता हैI
इतने में दोनों वापस जाने लगते है , उन्हें वापस जाता देखकर सिद्धांत उन्हें रोकता है I
सिद्धांत- रुको तुम्हारा कोई काम था न, लाओ मैं साइन कर देता हूँ I
मुस्कान उसे पेपर देती है , सिद्धांत पेपर चेक करता है, और वापिस कर देता है I
सिद्धांत- सॉरी मैडम मैं इस पर साइन नहीं कर सकता I ये अवैध है, हाँ अगर कुछ और सहायता चाहिए तो सार्थक को बोल देना I
दोनों मायूस होकर चले जाते है I
सिद्धांत कुर्सी पर बैठकर काम करने लगता है और सार्थक बाहर अपनी जगह पर ……………..
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