अपने अंदर के भावना को दबाये नहीं, समय पर जता देना चाहिए
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अपनो द्वारा किये गए निरन्तर प्रशंसा से आपकी ख्याति दूर-दूर तक फैले ऐसा शायद ही हो,
परन्तु अपनो द्वारा किया गया निंदा का एक शब्द भी आपको चारो ओर बदनाम करने के लिए काफी है।
अकेलानंद
अपनों की निन्दा और तारीफ Read More »
मानते है की आपने उसके लिए अपने दिल को काफी तकलीफे दी है, एक छोटी सी आस दिल के किसी कोने में अभी भी दीपक की लौ की तरह जगमगा रही है।
कभी वो भी शायद तुम्हे मन ही मन प्रेम कर बैठी हो , तुम्हारे साथ जाने अनजाने बहुत से लम्हे जिए हो, तुम्हे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी, परन्तु………………
वो दिन शायद आपकी जिंदगी के सबसे बड़े खुशनसीब दिन थे, शायद ऊपर वाला भी तुम्हारी जोड़ी का आनंद ले रहा था ……
पर अफ़सोस की बात तो ये है की—
जो तुम्हे मिल नहीं सकता, तुम जिसके लायक अब रहे ही नहीं, जिसे चाहकर भी अपना नहीं सकते, उसे पाने की बात तो दूर एक अनजाना रिश्ता भी नहीं रख सकते।
तो फिर उसके लिए अपने दिल को कोसने या अपने रक्त कोशिकाओं को जलाने का कोई औचित्य नहीं .
समझदार बने और सच्चाई को स्वीकार करने का साहस भी रखे
अनचाहे रिश्तो में कोई स्थिरता नहीं होती ! Read More »
ऐ तिरंगे आज बहुत नाज तो होगा तुझे,
आसमान की बुलंदियों में तुझे लहराया जायेगा।
जो कभी झुकते नहीं थे मंदिर या दरगाहो में
उनके सिर भी तू अपने कदमों में झुका पायेगा।
पर क्या हकीकत है ये तझसे बेहतर कौन जनता है
इस देश का ही एक तबका तुझे अपना नहीं मानता है।
आज वो जो बात करते त्याग और बलिदान की,
वो कल किसी कोठे या मदिरालय में खड़ा होगा,
आज जो इतनी इज़्ज़त बक्शी जा रही तुझे,
अफ़सोस कल किसी गली के कूड़े में पड़ा होगा ।
देश भक्ति का ये नशा बस है दिखावा आज का
सच नहीं सब झूठ है, छलावा है बस ताज का।
दिन अस्त होते ही भुला देंगे तुझे ये आज ही
फिर से तेरी याद अगले सत्र सबको आएगा
फिर से गूज उठेगी जयकारे तेरे नाम से
और फिर एकबार तू आकाश में लहराएग।।
अकेलानन्द
”हमारा तिरंगा हमारी शान ” Read More »