प्यार

कोई दिन न बचा ऐसा कि जब तेरी याद न आई हो

कोई दिन न बचा ऐसा कि जब तेरी याद न आई हो

 

कोई दिन न बचा ऐसा

कोई दिन न बचा ऐसा की,

                      जब तेरी याद न आई हो |                    

कोई पल नहीं याद मुझे की,

जब तेरी याद न आई हो ||

यूँ तो साँसे भी छोड़ जाती है ,

एक बार को धोखा देकर |

आंसू भी आँख से गिर जाते ,

किसी अपने को खोकर ||

इक मेरा दिल ही है जिसमे ,

कोई बदलाव न आई हो |

कोई पल नहीं याद मुझे ,

की जब तेरी याद न आयी हो ||

क्या याद तनिक भी है तुझको ,

जो कसमे मिलकर खाई थी |

दोनों से पूरी दुनिया थी ,

बाकी सब लगी परायी थी ||

हैरान नहीं हूँ मैं तुझ पर ,

इक वादा भी अगर निभाई हो |

कोई पल नही याद मुझे की ,

जब तेरी याद न आयी हो ||

इसे  भी पढ़े –तू तडपेगी जरूर , मगर धीरे धीरे

                   बीरेंद्र गौतम “अकेलानंद ” 

कोई दिन न बचा ऐसा कि जब तेरी याद न आई हो Read More »

जीना जब आसान लगे, इक बार मुहब्बत कर लेना (JEENA JAB ASAN LAGE EK BAAR MOHABBAT KAR LENA )

“जीना जब आसान लगे, इक बार मुहब्बत कर लेना “

जीना जब आसान लगे,

इक बार मुहब्बत कर लेना l

जब अच्छा हर इन्सान लगे,

एक बार मुहब्बत कर लेना ll

यौवन जब अंगड़ाई ले,

मस्ती में कुछ न दिखाई दे l

संगी साथी सब प्यार करे,

इक दूजे से इजहार करे II

खुशनुमा सभी हालात लगे,

इक बार मुहब्बत कर लेना I

जब अच्छा हर इन्सान लगे,

इक बार मुहब्बत कर लेना II

जब मिली नौकरी पक्की हो,

इच्छा अनुसार तरक्की हो I

दफ्तर में सबसे सम्मान मिले,

घर वालो का अभिमान मिले II

जब सस्ता हर सामान लगे,

इक बार मुहब्बत कर लेना I

जब अच्छा हर इन्सान लगे,

इक बार मुहब्बत कर लेना II

ये हंसी तुम्हारे चेहरे की,

पल भर में ही खो जाएगी I

बहकें बहके से फिरते रहोगे,

रात को नीद न आयेगी II

आँखों के आंसू तक सूखेंगे ,

सांसे भी घुट जाते है I

कहते है अकेलानंद यही की,

प्यार में सब लुट जाते है I

गर तुमको न विश्वास लगे,

इक बार मुहब्बत कर लेना II

जब अच्छा हर इन्सान लगे ,

इक बार मुहब्बत कर लेना II

जीना जब आसान लगे,

इक बार मुहब्बत कर लेना II

से भी पढ़े : एक तरफ़ा प्यार 

जीना जब आसान लगे, इक बार मुहब्बत कर लेना (JEENA JAB ASAN LAGE EK BAAR MOHABBAT KAR LENA ) Read More »

सच्चा प्यार और शक

आज के इस दौर में निःस्वार्थ प्रेम अकल्पनीय हैं, अगर किसी के साथ या किसी भी व्यक्ति को निःस्वार्थ प्रेम मिलता है तो

लोग उसे शक औऱ तार्किक नजरों से देखते हैं कि कहीं न कही इसमे कोई मतलब या स्वार्थ जरूर छिपा है,

कहते है दौलत , शोहरत और इज्जत , परिश्रम और पुरूषार्थ से मिल जाते है, मगर सच्चा प्यार या सच्ची दोस्ती

सिर्फ और सिर्फ नसीब से मिलता है, और ये हर किसी का नसीब नही होता है।

अगर आपको नसीब से ऐसा प्यार या प्यार करने वाले, साथ निभाने वाले मिल जाते है तो अनायास ही उन पर

शक करके या ये सोचकर कि अमुक व्यकि का कोई न कोई स्वार्थ होगा, तो ऐसा करके आप खुद के नसीब को

निष्फल कर रहे हों।

क्योकि ऐसे निस्वार्थ प्रेम करने वाले कभी नही चाहेंगे कि कोई उनके चरित्र पर शक करे औऱ फिर वो बिना कुछ

कहे या बिना किसी तरह का हानि पहुचाये आपकी जिंदगी से दूर चले जाते है।

अब निर्णय आपको करना है , उसे अपनाना है या ठुकराना है……………..

इसे भी पढ़े -रिश्ते तोड़ने से अच्छा है दूरिया बना ले

सच्चा प्यार और शक Read More »