परिवार (PARIVAR) टूटने का क्या कारण है – परिवार को टूटने से कैसे रोके

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परिवार टूटने का क्या कारण है – परिवार को टूटने से कैसे रोके

संयुक्त परिवार के टूटने का कारण – क्या भाइयो का अलग होना विकास है या विनाश

हमारे भारत देश में संयुक्त परिवार का प्रचलन रहा है आज से 50 साल पहले संयुक्त परिवार भारी मात्रा में पाए जाते थे कुछ समय से संयुक्त परिवार मनो हमारे समाज से बिलकुल गायब होता जा रहा है ।

इसके क्या कारण है क्यों संयुक्त परिवार को लोग विकास में बाधा समझते है  भाई भाई तो अलग होते ही थे परन्तु आज के समय में बेटा अपने बाप से पत्नी अपने पति से अलग रहने लगी है ।

अगर उनसे पूछो तो कहते है हमें आजादी वाली जिन्दगी जीनी है हम किसी के रोक टोक में अपना जीवन नहीं बिताना चाहते है ।

हम अपनी मर्जी से जब जहाँ चाहे आ जा सके , जो करना चाहे करे चाहे वो अच्छा हो या बुरा परन्तु हमें कोई राय देने वाला पसंद नहीं है ।

अब पहले जान लेते है की संयुक्त परिवार क्या होता है क्योकि आज की पीढ़ी इससे कोसो दूर है ।

संयुक्त परिवार

संयुक्त और सुखी परिवार – अकेलानंद

संयुक्त परिवार का मतलब है जहाँ एक ही परिवार में  2-3 पीढ़ी साथ में रहती है, जैसे परदादा – परदादी , दादा – दादी , माँ – बाप और फिर बच्चे  इसमें दादा –दादी के चाहे 1 बेटा या बेटी हो या उससे अधिक सब साथ में रहते है । मतलब पूरे परिवार में सारे रिश्ते जैसे दादा –दादी , चाचा –चाची, ताऊ – ताई, चचेरे भाई – बहन , भाभिया , देवरानी जेठानी , सास- बहु सभी मिलजुलकर ख़ुशी से रहते है ।

इसमें जो भी बड़ा होता है सब उसकी आज्ञा मानते है और घर के सारे निर्णय उसी के होते है ।और यह निर्णय ऐसा नहीं की उसकी अपनी स्वार्थ के लिए होता है, इस निर्णय में पूरे परिवार की भलाई छिपी रहती है  और परिवार के सभी सदस्य उसे सहर्ष स्वीकार भी करते है ।

संयुक्त परिवार के फायदे

1 -एकजुट रहना

2- आपस में प्यार की भावना जो बच्चों में भी दिखाई देती है , बच्चों को सही मार्ग दर्शन मिलता है

3-किसी एक पर काम का बोझ नहीं होता

4- अगर किसी पर दुःख आ पड़ता है तो उसे एहसास नहीं होने दिया जाता सब मिलजुलकर इसे दूर करते है

5- घर की सुरक्षा बनी रहती है

6  -आर्थिक विकास होता है क्योकि सब मिलकर काम कर रहे होते है

 

अब जानते है परिवार के टूटने का कारण

परिवार के टूटने में सबसे ज्यादा मुखिया की लापरवाही और एकतरफा फैसला होता है

दो से ज्यादा भाइयो में किसी एक को ज्यादा तवज्जो देना

बहुओ में कम ज्यादा सम्मान देना

कमाने और न कमाने वालो के बीच हमेशा मतभेद पैदा करना

किसी के बच्चे को कम और किसी को ज्यादा प्यार देना

बेटे की शादी के बाद उससे अलग सा ब्यवहार करना

 

अंत में मैं यही कहना चाहूँगा की परिवार की एकजुटता में ही सारी खुशिया समायी हुई है । परन्तु आज कल के इस डिजिटल माहौल में सब कुछ बिगड़ता जा रहा है । टीवी सीरियल और फिल्मे देखकर लोगो ले दिमाग ख़राब होते जा रहे है । यह कहना अनुचित तो नहीं होगा की यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत हमारे देश के परिवार को तोड़ने का काम किया जा रहा है ।

इसलिए हमें जागरूक रहने की जरुरत है और अपने बच्चो को इन दकियानूसी धारावाहिकों से दूर रखे उन्हें अपनी संस्कृति और सभ्यता के बार में जानकारी दे । रामायण दिखाए जिनमे दौलत पाने के लिए नहीं त्यागने के लिए संघर्ष दिखाया गया है ।

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अकेलानंद की कलम से

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