इन्तहा इंतजार की ख़त्म होती नहीं
तुम आँखों से इशारा न करते अगर,
इन्तहा इंतजार की ख़त्म होती नहीं ।
बात गर दिल से की होती मुझसे कभी,
बेवजह रात भर आँख रोती नहीं ।।
प्यार था प्यार है और रहेगा सदा,
ऐतबार करना सीखा न हमने कभी ।
जो जगह दी है तुझको इस दिल ने मेरे,
यादो के धागों में फिर पिरोती नहीं।।
कोई बिछड़े कभी चाहे दूरी करे,
कितना जायज जुदाई में कोई मरे ।
जिन्दगी इतनी आसान होती अगर,
उम्र भर बोझ यादों के ढोती नहीं।।
इक मुलाकात, फिर बात बढती गयी,
फिर तेरा इश्क सर मेरी चढ़ती गयी ।
न गिरते कभी प्यार में इस कदर,
बांहों में कसके इक रात सोती नहीं ।।
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