गाँव में बेरोजगारी का कारण – ग्रामीण भारत में बेरोजगारी की समस्या

Spread the love

गाँव में बेरोजगारी का कारण – ग्रामीण भारत में बेरोजगारी की समस्या । ग्रेजुएट युवा गाँव छोड़ शहर पलायन करने को मजबूर 

 

हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या चरम सीमा  पर है ।  अच्छे पढ़े लिखे लोग भी आज रोजगार के लिए दर दर भटक रहे है उनको कोई नौकरी नहीं मिल रहे है ।

यह अनुपात गावं में सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है

गाँव में किस वर्ग में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है ?

आपको बता दे की गाँव में जो निम्न वर्ग या निम्न मध्यम वर्ग (लोअर मिडिल क्लास ) के लोग है उनमे बेरोजगारी की समस्या सबसे ज्यादा पाई जाती है ।

क्या कारण है पढ़े लिखे होने के बावजूद भी वो लोग बेरोजगार होते है और शहर की तरफ पलायन करने करने को मजबूर हो जाते है ।

रोजगार की तलाश में गाँव से शहर की ओर पलायन

आज की तारीख  में युवा की एक अधिक अनुपात जो की ग्रेजुअट होने के बावजूद भी बेरोजगार है और शहर में रोजगार की तलाश में भटक रही है  इसका कारण  है कोई तकनीकी जानकारी न होना।

गाँव में पढाई का सिलेबस सामान्य होना एक बहुत बड़ा कारण है ,आज के युवा पीढ़ी को बेरोजगार करने के लिए ।  आपको बता दे की गाँव में 90 प्रतिशत बच्चे हाई स्कूल और इंटर करने के बाद बी ए की पढाई करते है और उसमे भी सामान्य विषय को लेकर , क्योकि वंहा पर वही विषय पढाये जाते है ।

हिंदी, इतिहास, भूगोल, समाज शास्त्र, आदि और अंग्रेजी तो कम ही मात्रा में पढाई जाती है। अब इन विषयों में ग्रेजुएट होने के बाद इन्हें किसी और तकनीक की जानकारी नहीं होती है । फिर ये लोग सरकारी नौकरी के फार्म भरते है और 3-4 साल बर्बाद करने के बाद थक हार कर अपने किसी नजदीकी पहचान वाले के साथ रोजी रोटी के चक्कर में शहर आ जाते है, क्योकि इनकी माली हालत इतनी अच्छी नहीं होती की ये आगे की पढाई भी कर सके ।

अब एक युवक है दीपक उम्र 22 वर्ष  जिसने गाँव में ग्रेजुएट की पढाई की और तमाम सरकारी फॉर्म भरने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली । यंहा एक बात और है की छोटी से छोटी सरकारी नौकरी मिलने में भी लाखों का रिश्वत देना पड़ जाता है, जो की दीपक के परिवार के लिए संभव नहीं है ।  2 साल बीतने के बाद घर वाले और गाँव वाले भी उसे ताने देना शुरू कर देते है, की कमाई कुछ करता नहीं और सारा दिन बस घूमता रहता है । अब चूँकि वो पढ़ा लिखा है तो किसी के यंहा मजदूरी करने में भी उसे शर्म तो आयेगी ही ।  फिर कुछ रिश्तेदारों का सुझाव आता है की इसकी शादी करवा दो फिर अपनी जिम्मेदारी समझ कर कमाई भी करने लगेगा । और फिर क्या एक शुभ मुहूर्त देखकर दीपक की शादी करा दी जाती है। चूँकि लड़का ग्रेजुएट है तो शादी भी ठीक ठाक हो ही जाती है, और उसमे काफी सारा पैसा खर्च कर दिया जाता है जिसका 50 प्रतिशत कर्ज में लिया होता है ।

अब दीपक के पास  कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता और उसे शहर के तरफ पलायन करना पड़ता है रोजी रोटी की तलाश में ।

यंहा आकर उसे पता चलता है की उसकी पढाई तो किसी काम की नहीं है क्योंकि उसने कोई स्किल नहीं सीखी है उसकी अंग्रेजी भी सामान्य से कम है । कई कंपनियों के ख़ाक छानने के बाद उसे हेल्पर की ही नौकरी मिल पाती है । अब चूँकि उस पर परिवार की जिम्मेदारी आ चुकी है तो किसी भी स्किल को सीखने का उसके पास समय नहीं है उसे तुरंत से पैसे कमाने की जरुरत है जिससे परिवार का खर्चा चल सके ।

फिर शुरू होता है एक ऐसा सफ़र जिसका कोई मकसद नहीं होता है अपनी जिन्दगी के 30-40 साल किसी ऐसे कम्पनी में बिता देता है, जहाँ उसके पढाई से कोई लेना देना नहीं  है । उसी जगह जो कर्मचारी मात्र दसवी पास है परन्तु उनके पास स्किल है कोई तकनीकी जानकारी है वो उससे अच्छा पैसा कमा रहे है।

क्या है इस बेरोजगारी को दूर करने का उपाय

 

पढाई के सिलेबस में बदलाव  जरुरी है

तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना

पैसा कमाने के तरीके को समझाना

पैसो का मनेजमेंट कैसे करे इस पर भी जानकारी देना

नौकर की जगह मालिक बनने पर जोर देना

बिजनेस स्टार्ट अप पर फोकस करना

सिर्फ सरकारी नौकरी के भरोसे पर नहीं रहना , जो की आज के समय में नामुमकिन है

सरकार को चाहिए की गाँव में MSME सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देना

आप सबसे निवेदन है की अपने बच्चो की पढाई पर खर्च करे परन्तु सोच समझकर किसी ऐसे विषय की पढाई जो की उसके भविष्य में कोई योगदान नहीं दे रही, उस तरफ न जाये बल्कि किसी तकनीकी शिक्षा पर पैसे खर्च करे ।

इसे भी पढ़े : गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *