June 2025

कोई दिन न बचा ऐसा कि जब तेरी याद न आई हो

कोई दिन न बचा ऐसा कि जब तेरी याद न आई हो

 

कोई दिन न बचा ऐसा

कोई दिन न बचा ऐसा की,

                      जब तेरी याद न आई हो |                    

कोई पल नहीं याद मुझे की,

जब तेरी याद न आई हो ||

यूँ तो साँसे भी छोड़ जाती है ,

एक बार को धोखा देकर |

आंसू भी आँख से गिर जाते ,

किसी अपने को खोकर ||

इक मेरा दिल ही है जिसमे ,

कोई बदलाव न आई हो |

कोई पल नहीं याद मुझे ,

की जब तेरी याद न आयी हो ||

क्या याद तनिक भी है तुझको ,

जो कसमे मिलकर खाई थी |

दोनों से पूरी दुनिया थी ,

बाकी सब लगी परायी थी ||

हैरान नहीं हूँ मैं तुझ पर ,

इक वादा भी अगर निभाई हो |

कोई पल नही याद मुझे की ,

जब तेरी याद न आयी हो ||

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                   बीरेंद्र गौतम “अकेलानंद ” 

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