September 2024

प्राइवेट कम्पनी किसी का सगा नहीं होता – प्राइवेट नौकरी कब बदले

प्राइवेट कम्पनी किसी का सगा नहीं होता – प्राइवेट नौकरी कब बदले

प्राइवेट कम्पनी कभी भी आपकी नहीं हो सकती

 

आपके दिमाग में चलने वाली बाते – 

हमारा मालिक हमें बहुत मानता है ।

मैं अपने मालिक को धोखा नहीं दे सकता ।

यंहा सीखने को बहुत कुछ मिल रहा है ।

यार इमरजेंसी में पैसा मिल जाता है ।

1-2 घंटे देर से जाता हूँ तो पैसे नहीं काटता ।

पता है मेरे बिना कम्पनी का काम नहीं चलता ।

कम्पनी की चाभी तक मेरे पास है ।

जब मुझे जरुरत थी तो कम्पनी ने मेरा साथ दिया अब मुझे भी साथ देना चाहिए ।

कम्पनी या ऑफिस ज्यादा दूर नहीं है ।

अगर ये सारे विचार आपके भी है तो सावधान आप एक ऐसे दलदल में फंसते जा रहे है जहाँ से निकलना बहुत ही मुश्किल हो जायेगा ।

जब तक आपको समझ में आयेगा की आप दलदल में फंस चुके है तब तक बहुत देर हो जाएगी ।

जरा सोचिये आप अपना घर परिवार छोड़कर इतनी दूर शहर में किस लिए आये है – पैसा कमाने के लिए न , फिर इस मोह के चक्कर में पड़कर अपने लक्ष्य से क्यों भटक रहे है ।

प्यार मोह तो आपके घर परिवार से होना चाहिए था जिन्हें आप पैसो की खातिर छोड़ चुके है तो फिर बहरी लोगो से उम्मीद क्यों ?

प्राइवेट कम्पनी वाले किसी के नहीं होते इन्हें बस अपना उल्लू सीधा करना होता है ।

जब तक आप इन्हें 100 रूपये कमाकर दे रहे है तो बदले में ये आपको 10 रूपये का तनख्वाह दे रहे है । जिस दिन इन्हें लगेगा की आप के काम में कमी हो रही है या आप उतना काम करने में सक्षम नहीं है, उसी दिन ये आपको दूध से मक्खी की तरह निकाल कर बाहर कर देंगे ।

उस समय आप सोचेंगे की आपका मालिक आपको कितना मानता है ।  अरे भाई किस अँधेरे में जी रहे है अभी भी समय है और समय रहते नौकरी बदल लेनी चाहिए ।

किस समय तक नौकरी बदलते रहे

बहुत से लोगो को प्रश्न होता है की अभी तो हम काम पर लगे है और यंहा तो बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है तो हमें नौकरी बदलनी चाहिए या नहीं-

उसके लिए निम्न बातो का ध्यान रखे –

प्राइवेट कम्पनी किसी का सगा नहीं होता है

जिस कम्पनी में काम कर रहे है उस कम्पनी का ग्रोथ रेट क्या है मतलब कम्पनी कितनी पूरानी है और किस लेवल तक पहुची है ।

उस कम्पनी में सबसे पुराने कर्मचारी की तनख्वाह क्या है और सबसे बड़ी बात उस कम्पनी में उसकी इज्जत कितनी है ।

जिस काम को आप सीखने की कोशिस कर रहे है उस काम में और कितने लोग है , आपका कम्पटीशन कितने लोगो से है , और वो कितने दिन से काम कर रहे है ।

क्या उस काम से और उस कम्पनी से मिलने वाले पैसे से आपकी जरूरते पूरी हो रही है या सिर्फ सीखने के चक्कर में अपने आप से समझौता करके जीवन यापन कर रहे है ।

तो भाइयो इन बातो को देखते हुए अगर आपको लगता है की आप सिर्फ सीखने के चक्कर में अपना ज्यादा समय बर्बाद कर रहे है, और सीखने के बाद भी यंहा पर ज्यादा पैसे मिलने वाले नहीं है तो देर किस बात की आज ही कम्पनी छोड़ दे ।

कभी भी 4-5 कमर्चारी और बिना रजिस्टर्ड वाली कम्पनी में काम न करे क्योकि ऐसे कम्पनी के कोई भी नियम क़ानून नहीं होते ये कभी भी आपको लात मर कर बाहर निकल सकते है ।

इसे भी पढ़े : गाँव में बेरोजगारी का कारण – ग्रामीण भारत में रोजगार की समस्या 

हाँ हो सकता है की ऐसे कम्पनियों में आपका सम्पर्क सीधे सीधे मालिक से होता है और वो आपके साथ ऐसे पेश आता है । मानो आप के भरोसे ही ये कम्पनी चल रही है और अगर कभी आपने जाने अनजाने में नौकरी बदलने की बात की तो आपके साथ इमोशनल ब्लैकमेल भी करता है तो तुरंत सावधान हो जाइये ऐसे कम्पनी में तो बिलकुल न रूके । ये आपकी भविष्य को बर्बाद कर सकते है  और जब तक ये बात आपके समझ में आयेगा तब तक बहुत देर हो जाएगी ।

सुझाव – अगर आप नए नए शहर में आये है तो सबसे पहले आपको जरुरत होगी अपने खर्चे चलाने की ऎसी स्थिति में आपको जो भी काम मिले सहर्ष स्वीकार करे और शुरुआत करे ।

2-3 महीने बाद जब आपकी आर्थिक स्थिति ठीक हो जाये या यूँ कहे की 10-15 दिन भी आप बैठकर खाने के लायक हो जाये तो फिर अपने काबिलियत के अनुसार नौकरी ढूंढें ।

आपकी इच्छा अनुसार नौकरी मिलने पर आप उस कम्पनी में अपना 100 प्रतिशत दीजिये जिससे आपको काम करने के तरीके , नियम कानून , लोगो के ब्यवहार आदि सब कुछ अच्छे से समझ में आ जाये ।

अब अपने  तनख्वाह और काम की तुलना कीजिये की आपके काम के हिसाब से आपको पैसे मिल रहे है या नहीं अगर ऐसा नहीं है । तो देखिये की दूसरी कम्पनी में उसी काम के इतने पैसे मिल रहे है आगर ये अनुपात ज्यादा का है तो फिर देर किस बात की तुरन्त नौकरी बदले दीजिये ।

कम्पनी में कभी किसी के साथ बय्क्तिगत मत होइए ये सदा आपका नुकसान करवाती है अपने काम से काम रखिये , ऐसा भी नहीं की आप किसी से बातचीत मत कीजिये , कीजिये लेकिन एक दायरे में रहकर अपने परिवार या किसी पुरानी घटना का जिक्र किसी से मत कीजिये ।

अगर आपको लोगो को इस विषय में और जानकारी चाहिए तो हमें व्हात्सप्प नंबर पर सम्पर्क कर सकते है या कमेन्ट बॉक्स में लिख सकते है तो उस विषय पर लेख जरुर लिखा जायेगा ।

 

प्राइवेट कम्पनी किसी का सगा नहीं होता – प्राइवेट नौकरी कब बदले Read More »

परिवार (PARIVAR) टूटने का क्या कारण है – परिवार को टूटने से कैसे रोके

परिवार टूटने का क्या कारण है – परिवार को टूटने से कैसे रोके

संयुक्त परिवार के टूटने का कारण – क्या भाइयो का अलग होना विकास है या विनाश

हमारे भारत देश में संयुक्त परिवार का प्रचलन रहा है आज से 50 साल पहले संयुक्त परिवार भारी मात्रा में पाए जाते थे कुछ समय से संयुक्त परिवार मनो हमारे समाज से बिलकुल गायब होता जा रहा है ।

इसके क्या कारण है क्यों संयुक्त परिवार को लोग विकास में बाधा समझते है  भाई भाई तो अलग होते ही थे परन्तु आज के समय में बेटा अपने बाप से पत्नी अपने पति से अलग रहने लगी है ।

अगर उनसे पूछो तो कहते है हमें आजादी वाली जिन्दगी जीनी है हम किसी के रोक टोक में अपना जीवन नहीं बिताना चाहते है ।

हम अपनी मर्जी से जब जहाँ चाहे आ जा सके , जो करना चाहे करे चाहे वो अच्छा हो या बुरा परन्तु हमें कोई राय देने वाला पसंद नहीं है ।

अब पहले जान लेते है की संयुक्त परिवार क्या होता है क्योकि आज की पीढ़ी इससे कोसो दूर है ।

संयुक्त परिवार

संयुक्त और सुखी परिवार – अकेलानंद

संयुक्त परिवार का मतलब है जहाँ एक ही परिवार में  2-3 पीढ़ी साथ में रहती है, जैसे परदादा – परदादी , दादा – दादी , माँ – बाप और फिर बच्चे  इसमें दादा –दादी के चाहे 1 बेटा या बेटी हो या उससे अधिक सब साथ में रहते है । मतलब पूरे परिवार में सारे रिश्ते जैसे दादा –दादी , चाचा –चाची, ताऊ – ताई, चचेरे भाई – बहन , भाभिया , देवरानी जेठानी , सास- बहु सभी मिलजुलकर ख़ुशी से रहते है ।

इसमें जो भी बड़ा होता है सब उसकी आज्ञा मानते है और घर के सारे निर्णय उसी के होते है ।और यह निर्णय ऐसा नहीं की उसकी अपनी स्वार्थ के लिए होता है, इस निर्णय में पूरे परिवार की भलाई छिपी रहती है  और परिवार के सभी सदस्य उसे सहर्ष स्वीकार भी करते है ।

संयुक्त परिवार के फायदे

1 -एकजुट रहना

2- आपस में प्यार की भावना जो बच्चों में भी दिखाई देती है , बच्चों को सही मार्ग दर्शन मिलता है

3-किसी एक पर काम का बोझ नहीं होता

4- अगर किसी पर दुःख आ पड़ता है तो उसे एहसास नहीं होने दिया जाता सब मिलजुलकर इसे दूर करते है

5- घर की सुरक्षा बनी रहती है

6  -आर्थिक विकास होता है क्योकि सब मिलकर काम कर रहे होते है

 

अब जानते है परिवार के टूटने का कारण

परिवार के टूटने में सबसे ज्यादा मुखिया की लापरवाही और एकतरफा फैसला होता है

दो से ज्यादा भाइयो में किसी एक को ज्यादा तवज्जो देना

बहुओ में कम ज्यादा सम्मान देना

कमाने और न कमाने वालो के बीच हमेशा मतभेद पैदा करना

किसी के बच्चे को कम और किसी को ज्यादा प्यार देना

बेटे की शादी के बाद उससे अलग सा ब्यवहार करना

 

अंत में मैं यही कहना चाहूँगा की परिवार की एकजुटता में ही सारी खुशिया समायी हुई है । परन्तु आज कल के इस डिजिटल माहौल में सब कुछ बिगड़ता जा रहा है । टीवी सीरियल और फिल्मे देखकर लोगो ले दिमाग ख़राब होते जा रहे है । यह कहना अनुचित तो नहीं होगा की यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत हमारे देश के परिवार को तोड़ने का काम किया जा रहा है ।

इसलिए हमें जागरूक रहने की जरुरत है और अपने बच्चो को इन दकियानूसी धारावाहिकों से दूर रखे उन्हें अपनी संस्कृति और सभ्यता के बार में जानकारी दे । रामायण दिखाए जिनमे दौलत पाने के लिए नहीं त्यागने के लिए संघर्ष दिखाया गया है ।

इसे भी पढ़े : शादी के बाद बेटे को पराया कर दिया जाता है

अकेलानंद की कलम से

परिवार (PARIVAR) टूटने का क्या कारण है – परिवार को टूटने से कैसे रोके Read More »