पति-पत्नी नोंक – झोंक वाली कविता

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पति-पत्नी नोंक - झोंक वाली कविता

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एक पति-पत्नी कच्चे मकान में रह रहे है, थोड़ी नोक झोक के साथ उनकी दिनचर्या चल रही है I अब सुनते है उनकी इसी रोजरोज  की नोंक झोंक की एक झलक  –

पत्नी- सुनते हो जी 

पति – मै तो बहरा हूँ जी ।

पत्नी- आप तो बुरा मान गए ।

पति- हम आप की चाल जान गये ।

पत्री- आज क्या खाओगे , जो कहो वो बनाऊ ।

पति- मै मुर्ख हूँ जो आपनी मनपसन्द चीज बताऊ ।

पत्नी- ऐसे क्यों कहते हो , मैंने कब की है अपनी मनमर्जी ।

पति – करोगी जो तेरे मन में है, फिर मै क्यों लगाऊ  अर्जी ।

पत्नी- मेरे पास आओ अब दूर न जाओ, खूब सेवा करुँगी तुम्हारी ।

पति – मैं जानता हूँ खूब पहचानता हूँ, क्या मेरी मति गई है मारी ।

पत्नी – आ भी जाओ काम बहुत है , कुछ तुम करो कुछ मैं करू ।

पति- यह  सब तेरी जिम्मेदारी है , बेवजह ही मैं क्यों मरूं ।

पत्नी- मरे आपके दुश्मन , कुछ अच्छा खाने को है मेरा  मन ।

पति- लाला के यहाँ से कुछ मँगा ले, जो मर्जी है बनाले ।

पत्नी- लाला का बहुत उधार है, हमेशा पैसे ही मांगता है ।

पति- किसी का उधार  हमने दिया है,  क्या वो नहीं जानता है ।

पत्नी – इतना भी अच्छा नहीं होता, कर्जा चुका देना चाहिए ।

पति- तो जल्दी से मायके से अपने कुछ रूपये लेकर आईये ।

पत्नी- आप बात – बात पर मेरे मायके को मत लाया करो ।

         ये सब कहना  व्यर्थ है , हमेशा न सताया करो ।।

पति – मैंने तुझे कब कब सताया है, झूठ कहते तुझे शर्म नहीं आती ।

    मैं तेरे मायके को नहीं लाता, पर तू मेरे बाप पर जरुर है जाती ।।

पत्नी – वैसे तो मैं आपकी धर्मपत्नी हूँ , अर्धान्ग्निनी हूँ , सहभागिनी हूँ ।

         नाम भी महालक्ष्मी रखा है,  पर इस घर में अभागिनी हूँ ।।

पति- तू तो फिर भी भाग्यशाली है जो मेरे जैसा पति मिला है ।

         वर्ना मुझे पता है मायके में तेरा क्या क्या गुल खिला है ।।

पत्नी- ये सब कहते शर्म नहीं आती, मुझ पर इल्जाम लगाते हो ।

       खुद निकम्मे घर पर बैठकर जाने क्या क्या गुल खिलाते हो ।।

पति – अपने पति को निकम्मा कहते हुए तेरी जुबान नहीं कटती है।

         इतना ही बुरा हूँ अगर तो मुझसे ही सदा क्यों सटती है ।।

पत्नी – इस तरह से ताने यू हमको न मारो ।

        तुम्ही मेरे देवदास मै तुम्हारी पारो ।।

पति – तुम्हारी इसी अदा पर तो हम मरते है ।

         सच कहे हम सिर्फ तुमसे प्यार करते है ।।

पत्नी – छोडो इन बातो को कहो क्या बनाऊ ।

पति – पहले लाला से कुछ सामान उधार ले आऊ ।

इसी तरह से दोनों पति पत्नी ख़ुशी से रहते है ।

सिर्फ मन बहलाने के लिए ही झगड़ा करते है ।

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